विधायक प्रभाष कुमार ने सुरसा ब्लॉक में चार गौशालाओं का किया लोकार्पण, बोले – ‘गौसेवा ही राष्ट्रसेवा’

सुरसा (हरदोई): ग्राम समाज और पशुधन संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए प्रदेश सरकार ने गौवंश कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में भाजपा के सांण्डी विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रभाष कुमार ने सुरसा ब्लॉक में संचालित चार नई गौशालाओं का लोकार्पण किया।
लोकार्पण कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम भेलावां स्थित गौशाला में विधिवत गोपूजन से हुई, जिसके बाद क्रमशः भैनामऊ, भदेचा, और सरा ग्राम की गौशालाओं का उद्घाटन किया गया।

‘गौसेवा, वास्तव में राष्ट्रसेवा’ – विधायक प्रभाष कुमार

उद्घाटन के बाद उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा—

“प्रदेश सरकार का प्रमुख उद्देश्य है कि निराश्रित गोवंश को सुरक्षित आश्रय मिले। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम गौसेवा जैसे पुण्य कार्य में सहयोग दें। गौसेवा, वास्तव में राष्ट्रसेवा है, क्योंकि गाय हमारी संस्कृति, कृषि और पर्यावरण के लिए अनमोल धरोहर है।”

उन्होंने लोगों से गौशालाओं में नियमित भूसा और चारे का दान करने की अपील करते हुए कहा कि “गौमाता की सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं।”

जनभागीदारी से ही होगा संरक्षण सफल

विधायक प्रभाष कुमार ने स्पष्ट किया कि सरकार ने इन गौशालाओं के निर्माण और संचालन की व्यवस्था तो कर दी है, लेकिन स्थायी संरक्षण तभी संभव है, जब स्थानीय प्रशासन, पंचायतें और आम नागरिक मिलकर जिम्मेदारी निभाएं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इन आश्रय स्थलों को सिर्फ सरकारी योजना न मानकर, अपने सामुदायिक दायित्व का हिस्सा समझना चाहिए।

ग्रामीणों की उपस्थिति और उत्साह

कार्यक्रम में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का उत्साह देखते ही बनता था। भेलावां, भैनामऊ, भदेचा और सरा ग्रामों के सैकड़ों लोग इस अवसर पर उपस्थित रहे।
कई ग्रामीणों ने मौके पर ही भूसा दान और चारे की व्यवस्था करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग

इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी श्री राम प्रकाश, समाजसेवी धनंजय मिश्रा, संबंधित ग्रामों के ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, भाजपा कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
सभी ने विधायक की इस पहल की सराहना की और गौशालाओं की नियमित देखरेख का सामूहिक संकल्प लिया।

गौमाता को हरा चारा खिलाकर समापन

लोकार्पण कार्यक्रम का समापन सभी प्रमुख अतिथियों और ग्रामीणों द्वारा गौमाता को हरा चारा और गुड़ खिलाकर किया गया। यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि समाज में पशुधन प्रेम और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी प्रोत्साहित करने वाला बना।

यह आयोजन चारों गांवों में गोवंश संरक्षण के लिए एक स्थायी संरचना उपलब्ध कराने वाला तो है ही, साथ ही यह संदेश भी देता है कि जनभागीदारी से ही पशुधन संरक्षण और ग्रामीण संस्कृति की रक्षा संभव है।