दिनदहाड़े फाटकमैन पर फायरिंग, स्टेशन मास्टर पर हत्या की कोशिश का आरोप
बेहटा गोकुल (हरदोई) रेलवे विभाग के मोहिउद्दीनपुर रेलवे क्रॉसिंग पर गुरुवार को हुई सनसनीखेज घटना ने न सिर्फ विभागीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि कर्मचारियों के बीच तनावपूर्ण माहौल को भी उजागर कर दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टोंडरपुर स्टेशन मास्टर विशाल वर्मा ने क्रॉसिंग के फाटकमैन सुनील पर अवैध कट्टे से गोली चला दी। यह घटना करीब शाम 4 बजे हुई, जिसके तुरंत बाद गुस्साए स्थानीय लोग और रेलवे कर्मचारी पटरियों पर जमा हो गए। देखते ही देखते रेल संचालन पूरी तरह ठप हो गया और कई ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर खड़ी रह गईं।
घटना से पहले का विवाद
फाटकमैन सुनील के मुताबिक, घटना से पहले स्टेशन मास्टर ने उन्हें फोन पर जमकर गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद अचानक मौके पर पहुंचकर उन्होंने अवैध हथियार से फायर कर दिया। गोली लगने से सुनील बाल-बाल बच गए, लेकिन घटना ने आसपास मौजूद लोगों को दहशत में डाल दिया।
स्थानीय लोगों का अल्टीमेटम
घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद भीड़ ने साफ कहा कि जब तक स्टेशन मास्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, तब तक ट्रेन का पहिया नहीं घूमेगा। इस अल्टीमेटम के कारण करीब दो घंटे तक रेल यातायात बाधित रहा। इस दौरान कई यात्री ट्रेनें शाहाबाद, हरदोई और आस-पास के स्टेशनों पर फंसी रहीं।
पुलिस की देरी और कार्रवाई
आश्चर्यजनक रूप से, इतनी गंभीर घटना के बावजूद दो घंटे तक कोई वरिष्ठ रेलवे या पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। आखिरकार, बेहटा गोकुल थाना प्रभारी रंधा सिंह पुलिस बल के साथ पहुंचे। उन्होंने भीड़ और फाटकमैन को समझा-बुझाकर किसी तरह रेल संचालन बहाल कराया।
थाना प्रभारी ने बताया—
“मामले की जांच की जा रही है। फाटकमैन के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। आरोपी स्टेशन मास्टर की गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी गई है। मामले में हत्या के प्रयास, अवैध हथियार रखने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा।”
रेलवे प्रशासन मौन
घटना पर रेलवे प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, स्टेशन मास्टर को सस्पेंड करने और विभागीय जांच बिठाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
स्थानीय नाराजगी और सुरक्षा सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं। उनका मानना है कि अगर आरोपी पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में रेलवे पटरियों पर बड़ा आंदोलन देखने को मिल सकता है।
अगर आप चाहें तो मैं इसमें रेलवे सुरक्षा अधिनियम की धाराएं और IPC की कानूनी धाराएं भी जोड़ सकता हूँ, ताकि खबर न सिर्फ रिपोर्टिंग बल्कि कानूनी दृष्टि से भी मजबूत बन जाए।
क्या मैं इसे उस फॉर्मेट में भी तैयार कर दूं?

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