पुरस्कार वितरण के साथ डॉ. हरिशंकर मिश्र ग्रुप ऑफ कॉलेजेज का त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव सम्पन्न

हरदोई, सुरसा | अनुरीत टाइम्स न्यूज़

सुरसा। डॉ. हरिशंकर मिश्र ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मलिहामऊ का त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव धूमधाम और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस विशेष अवसर पर छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और क्षेत्रीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

समापन सत्र और दीप प्रज्ज्वलन

वार्षिकोत्सव के समापन सत्र में मुख्य अतिथि धनंजय मिश्र, निदेशक डॉ. हरिशंकर मिश्र ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मलिहामऊ, ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। छात्राओं को सामाजिक मूल्यों और संस्कारों पर भी बल देना चाहिए क्योंकि समाज में नारी शक्ति ही पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों की वाहक होती है।

साथ ही उन्होंने छात्रों को मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के बढ़ते दुरुपयोग के प्रति जागरूक किया और उन्हें जिम्मेदारी के साथ तकनीक का उपयोग करने की सलाह दी।

धनंजय मिश्र ने यह भी कहा कि संस्थान सदैव प्रयासरत रहेगा कि युवाओं को उत्कृष्ट शिक्षा और समग्र विकास प्रदान किया जा सके।

सांस्कृतिक और खेल गतिविधियाँ

इस अवसर पर छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनमें नृत्य, गायन और रंगारंग नाट्य प्रस्तुतियों ने माहौल को और आकर्षक बना दिया।

इसके अलावा खेल प्रतियोगिताएँ और कला प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।

मुख्य अतिथि द्वारा लगभग 480 विजयी छात्रों को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार वितरण के अंतर्गत शामिल प्रतियोगिताएँ थीं:

  • लंबी कूद

  • दौड़

  • ऊंची कूद

  • कुर्सी दौड़

  • मेहंदी प्रतियोगिता

  • अल्पना

  • रंगोली

विशेष अतिथि और कार्यक्रम संचालन

कार्यक्रम में प्राचार्य प्रभात दीक्षित ने मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।

कार्यक्रम का संचालन नफीस अहमद ने किया। इस अवसर पर संस्थान के अन्य प्रमुख शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख नाम थे:
शैशव त्रिपाठी, नमिता सिंह, वन्दना दीक्षित, क्रान्ति, ज्योति, दिव्या, कविता, रेखा, मोनिका, मूलचंद्र, आकाश, चांदबाबू, सुभाष, सुबोध, तेजभान, वरुण, इंदू, दानिश आदि।

निष्कर्ष

त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव ने न केवल छात्रों में शैक्षिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, बल्कि उन्हें खेल और कला में प्रतिस्पर्धा और अनुशासन का महत्व भी सिखाया। इस कार्यक्रम के माध्यम से कॉलेज ने यह संदेश दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि समग्र विकास और सामाजिक उत्तरदायित्व की शिक्षा भी होनी चाहिए।