जन सुनवाई में जिलाधिकारी ने सुनीं 92 शिकायतें, कई का मौके पर हुआ समाधान
मौके पर मिली राहत – पेंशन और आयुष्मान कार्ड का वितरण
जन सुनवाई के दौरान सबसे विशेष और मानवीय पहल यह रही कि जरूरतमंद लोगों को उसी समय सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया गया।
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वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन की कई नई स्वीकृतियां मौके पर जारी की गईं।
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70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए।
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आज दो वरिष्ठ नागरिकों के कार्ड बनाकर अब तक जन सुनवाई के माध्यम से 138 आयुष्मान कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
भूमि विवादों पर सख्त रुख
जिलाधिकारी अनुनय झा ने भूमि विवाद, पैमाइश, अंश निर्धारण और नक्शा दुरुस्तीकरण जैसी शिकायतों पर विशेष ध्यान देते हुए निर्देश दिए कि
“इन प्रकरणों को लंबित न रखा जाए। राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम मौके पर जाकर त्वरित समाधान सुनिश्चित करे।”
मानवीय पहल – जरूरतमंदों तक पहुँचा सीधा लाभ
जन सुनवाई में कई संवेदनशील और प्रेरणादायक निर्णय भी लिए गए—
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वृद्ध दंपति करुणा शंकर और उनकी पत्नी को वृद्धावस्था पेंशन मौके पर स्वीकृत।
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परित्यक्त महिला तरन्नुम की बेटी को स्पॉन्सरशिप योजना से आच्छादित किया गया।
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डाभा गांव के दिव्यांग कमलेश को ट्राईसाइकिल, आवास और शौचालय दिलाने के आदेश।
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एक अन्य दिव्यांग को दिव्यांग पेंशन दिलाने की व्यवस्था।
प्रशासनिक मौजूदगी और गंभीरता
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (विरा) प्रियंका सिंह, उप जिलाधिकारी नहने राम समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुसार तत्काल आवश्यक कार्रवाई शुरू की।
जन विश्वास बढ़ाने वाली पहल
जिलाधिकारी अनुनय झा ने स्पष्ट किया कि
“प्रशासन आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए न केवल संवेदनशील है, बल्कि हर स्तर पर तत्पर भी है। हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और तय समय सीमा में निस्तारित किया जाएगा।”
इस जन सुनवाई ने यह साबित किया कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनहित की भावना साथ आए, तो राहत तुरंत लोगों तक पहुँच सकती है। आज के कार्यक्रम से कई लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव आया और यह पहल जिले में जन विश्वास और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने वाली सिद्ध हुई।



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